चंद्रपुर: ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व का सफारी पर्यटन संकट में, जंगली हाथी की आमद से वन विभाग अलर्ट
चंद्रपुर: ताडोबा टाइगर रिजर्व में जंगली हाथियों की आमद से बढ़ा खतरा, टाइगर सफारी पर लग सकता है अस्थायी प्रतिबंध
विश्व प्रसिद्ध ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व, जो अपनी धारीदार बाघों की मौजूदगी और समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है, अब एक नई चुनौती का सामना कर रहा है। गढ़चिरौली जिले से चंद्रपुर की सीमा में प्रवेश कर चुके दो जंगली हाथियों की गतिविधियों ने वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है। इन हाथियों की उपस्थिति के चलते टाइगर सफारी पर्यटन पर अस्थायी प्रतिबंध लगाए जाने की संभावना बन गई है।
वन विभाग के अनुसार, ये हाथी अब ताडोबा के बफर जोन को पार कर डोनी गांव के पास कोर क्षेत्र में पहुंच गए हैं। क्षेत्र में मौजूद जल स्रोत, फलदार वृक्ष और धान की खेती इन हाथियों को आकर्षित कर रही है, जिससे उनका व्यवहार अनिश्चित हो गया है।
बीते दिन सिंदेवाही तालुका के कुकड़हेती क्षेत्र में हाथियों की आमद से हड़कंप मच गया। अब ये हाथी रिजर्व के और भीतर की ओर बढ़ रहे हैं। वन विभाग ने इनकी निगरानी के लिए 25 सदस्यों की एक विशेष टीम तैनात की है, जिसे नाइट विजन डिवाइस, ड्रोन कैमरे और अन्य जरूरी उपकरणों से लैस किया गया है। टीम हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखे हुए है।
हालांकि फिलहाल ताडोबा में टूरिज्म पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है, लेकिन कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। वन अधिकारियों का कहना है कि यदि हाथी आगे चलकर टाइगर सफारी रूट के करीब पहुंचते हैं, तो सुरक्षा कारणों से सफारी को अस्थायी रूप से बंद किया जा सकता है।
इस स्थिति ने पर्यटकों के साथ-साथ वन्यजीव प्रेमियों को भी चिंतित कर दिया है। वन विभाग का कहना है कि वह स्थिति पर नियंत्रण बनाए हुए है और किसी भी खतरे से पहले जरूरी कदम उठाए जाएंगे। पर्यटकों से भी अपील की गई है कि वे दिशा-निर्देशों का पालन करें और जंगल में प्रवेश से पहले अपडेट लेते रहें।