कांग्रेस 65 साल में किसानों के लिए कुछ नहीं कर पाई: बावनकुले बोले, खाली बैठे नेता राजनीतिक रोटियां सेंकने निकल रहे हैं यात्रा पर
नागपुर: कांग्रेस की किसान आत्मसम्मान पदयात्रा पर बावनकुले का तीखा हमला, कहा- 65 साल में कुछ नहीं किया, अब राजनीतिक रोटी सेंकने निकले
नागपुर में रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कांग्रेस की आगामी “किसान आत्मसम्मान पदयात्रा” पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस के नेतृत्व में यह यात्रा आगामी तीन जून को यवतमाल के आर्नी में आयोजित की जाएगी।
बावनकुले ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, “कांग्रेस 65 साल तक सत्ता में रही, लेकिन किसानों के लिए कुछ ठोस काम नहीं कर पाई। अब वही पार्टी किसानों के नाम पर राजनीतिक लाभ लेने के लिए यात्रा निकाल रही है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता, विशेष रूप से हर्षवर्धन सपकाल, केवल राजनीतिक फायदे के लिए बयानबाजी कर रहे हैं।
भा.ज.पा. प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा, “हमारी डबल इंजन सरकार के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसानों के लिए जो वादे किए थे, उन पर काम किया। कांग्रेस के 65 साल के शासन में जो कुछ नहीं हुआ, वह हमारी सरकार ने कर दिखाया।”
बावनकुले ने हर्षवर्धन सपकाल पर तंज कसते हुए कहा, “सपकाल को अपना पद बचाने की चिंता है। राहुल गांधी ने उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बनाया है, और अब वह अपने पद को स्थिर रखने के लिए कुछ बयान देते रहते हैं।”
राजस्व मंत्री ने कहा, “हमने किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं, जैसे मुफ्त बिजली, 12 हजार रुपये हर साल सहायता, और किसान फसल योजना। इन योजनाओं के तहत 1000 से अधिक काम पूरे किए गए हैं।” साथ ही, उन्होंने यह भी जोड़ा, “कांग्रेस के नेताओं को किसानों के बीच भ्रम फैलाने और अपनी राजनीति चमकाने के लिए यात्रा निकालने की आवश्यकता महसूस हो रही है।”
बावनकुले ने कांग्रेस को निशाना साधते हुए कहा, “किसानों के लिए हम जो काम कर रहे हैं, वह किसी प्रचार की जरूरत नहीं है। किसानों के हित में हमारी सरकार लगातार काम कर रही है, जबकि कांग्रेस के नेता केवल राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए यात्रा निकाल रहे हैं।”
इस तरह, बावनकुले ने कांग्रेस के “किसान आत्मसम्मान पदयात्रा” को लेकर पूरी तरह से आलोचना की और उसे सिर्फ एक राजनीतिक आंदोलन करार दिया।