बेमौसम बारिश से प्याज किसानों की बढ़ीं मुश्किलें, कीमत गिरी ₹7 प्रति किलो
अमरावती में बेमौसम बारिश से प्याज किसानों पर संकट, फसल डूबी, दाम गिरे, सालभर की मेहनत पर पानी फिरा
अमरावती: अमरावती जिले की अचलपुर, अंजनगांव और चांदुरबाजार तहसीलों को सफेद प्याज उत्पादन के प्रमुख क्षेत्र माना जाता है, लेकिन इस बार बेमौसम बारिश ने इन इलाकों के किसानों की कमर तोड़ दी है। खेतों में खड़ी प्याज की फसल पानी में डूब गई है, वहीं गोदामों में भी पानी भर जाने से भंडारित प्याज खराब हो रही है। इसका सीधा असर बाजार में कीमतों पर पड़ा है और प्याज के दाम घटकर मात्र 6 से 8 रुपए प्रति किलो रह गए हैं।
महाराष्ट्र में प्याज उत्पादन की पहली पहचान नासिक है, लेकिन अमरावती ज़िला भी सफेद प्याज के बड़े उत्पादकों में से एक है। यहां फरवरी के मध्य में बोई गई फसल मई में कटाई के लिए तैयार होती है। इस बार कटाई की शुरुआत के साथ ही बारिश ने दस्तक दे दी, जिससे न केवल खेतों में फसल खराब हुई, बल्कि मंडियों तक पहुंचने से पहले ही प्याज की गुणवत्ता भी प्रभावित हो गई।
स्थानीय किसानों के मुताबिक, प्रति एकड़ लगभग 150 क्विंटल प्याज का उत्पादन होता है, जिसे नकदी फसल माना जाता है। लेकिन बारिश के चलते अब 40% से अधिक फसल नष्ट हो गई है। मिट्टी और पानी से सड़ी प्याज की मांग बाजार में नहीं रह जाती, जिससे कीमतों में भारी गिरावट आई है। पहले जहां प्याज ₹12 से ₹15 प्रति किलो बिक रही थी, अब वह ₹6 से ₹8 तक सिमट गई है।
एक किसान ने बताया कि प्याज की बुवाई और उत्पादन पर प्रति एकड़ करीब ₹70,000 तक की लागत आती है। लेकिन मौजूदा स्थिति में न तो उत्पादन पूरा हो पाया है और न ही कीमत मिल रही है, जिससे भारी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
क्षेत्र के किसानों ने सरकार से नुकसान का सर्वे करवाकर आर्थिक मदद की मांग की है। उनका कहना है कि अगर राहत नहीं मिली तो कर्ज चुकाना भी मुश्किल हो जाएगा। बेमौसम बारिश ने इस बार सिर्फ खेत ही नहीं डुबोए, बल्कि किसानों की उम्मीदें और सालभर की मेहनत भी बहा दी।