सरकारी अस्पताल में लापरवाही देख डीएम हुए नाराज़, पहले हुए हैरान फिर दिए सख्त निर्देश
अलीगढ़: सरकारी अस्पतालों में घटते मरीजों की संख्या पर डीएम ने जताई चिंता, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के निर्देश
अलीगढ़ – जिले के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में मरीजों की घटती संख्या को लेकर डीएम संजीव रंजन ने गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने मलखान सिंह जिला अस्पताल और दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त अस्पताल में जांच और उपचार की गुणवत्ता में कमी को गंभीरता से लिया है और इस पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा बैठक के दौरान डीएम ने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने और लिंगानुपात में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अस्पतालों में लोगों का भरोसा फिर से कायम करने के लिए सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाई जाए।
डीएम ने आयुष्मान भारत योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए आयुष्मान कार्ड वितरण अभियान को तेज करने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही, अवैध लिंग परीक्षण और भ्रूण लिंग जांच पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया।
उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों की स्थिति को सुधारना प्रशासन की प्राथमिकता है, ताकि आम नागरिकों को बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। डीएम के इन निर्देशों से स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई है और जल्द ही सुधारात्मक कदम उठाए जाने की उम्मीद है।
सरकारी अस्पतालों में घटती ओपीडी और भर्ती मरीजों की संख्या पर डीएम संजीव रंजन सख्त, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दिए निर्देश
अलीगढ़ – भीषण गर्मी के बावजूद जिले के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी और भर्ती मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे जिला प्रशासन भी हैरान है। सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में हुई जिला स्वास्थ्य समिति, पीसीपीएनडीटी और जन्म-मृत्यु पंजीकरण संबंधी बैठक के दौरान यह आंकड़े सामने आए, जिस पर जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कड़ी नाराजगी जताई।
बैठक के दौरान डीएम ने मलखान सिंह जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी तथा दीनदयाल अस्पताल में पैथोलॉजी जांच में आई कमी पर चिंता जताते हुए संबंधित चिकित्सकों को प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट देने और सेवाओं में तत्काल सुधार लाने के निर्देश दिए।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर फोकस
संस्थागत प्रसव की घटती संख्या को देखते हुए डीएम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षकों को निर्देश दिए कि आशा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय कर मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जाए। साथ ही मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी, लिंगानुपात में संतुलन और जन्म-मृत्यु पंजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाने पर जोर दिया गया।
आयुष्मान कार्ड के विस्तार पर विशेष ध्यान
गोंडा ब्लॉक की सात ग्राम पंचायतों में 70 प्रतिशत से अधिक लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड वितरित किए जाने की सफलता की सराहना करते हुए डीएम ने अब ब्लॉक गोंडा और जवां को भी इसी लक्ष्य तक पहुंचाने का निर्देश दिया।
पीसीपीएनडीटी अधिनियम का सख्त पालन
अवैध लिंग परीक्षण की घटनाओं को रोकने के लिए पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया गया। डीएम ने कहा कि जिले में संचालित सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों का शत-प्रतिशत पंजीकरण और समय पर नवीनीकरण सुनिश्चित किया जाए।
सभी विभागों को समन्वय के निर्देश
मुख्य विकास अधिकारी प्रखर कुमार सिंह ने जन्म-मृत्यु पंजीकरण की प्रक्रिया को त्रुटिरहित और समयबद्ध बनाने के लिए राजस्व, पंचायत, नगर निकाय और स्वास्थ्य विभाग के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता जताई। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को डिस्चार्ज से पूर्व जन्म प्रमाण पत्र प्रदान करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नीरज त्यागी समेत संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। डीएम के स्पष्ट निर्देशों के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के कार्यों में तेजी और पारदर्शिता लाने की उम्मीद की जा रही है।