मुठभेड़ में बसवराजु की मौत पर नक्सलियों ने जारी किया पत्र, बताई पूरी पृष्ठभूमि; पाकिस्तान के सीजफायर पर भी किए कई खुलासे
मुठभेड़ में बसवराजु की मौत पर माओवादियों का खुलासा, कहा– सुरक्षा में कटौती बनी वजह, सीजफायर पर उठाए सवाल
गडचिरोली, 24 मई: महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर हुई ऐतिहासिक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली थी, जब उन्होंने देश के मोस्ट वांटेड नक्सलियों में से एक, बसवराजु समेत 28 नक्सलियों को ढेर कर दिया। यह पिछले दो दशकों की सबसे बड़ी नक्सलविरोधी कार्रवाई मानी जा रही है।
अब इस मुठभेड़ के चार दिन बाद माओवादियों ने एक पत्र जारी कर न केवल इस कार्रवाई की पुष्टि की है, बल्कि अपने शीर्ष नेता की मौत की पृष्ठभूमि भी बताई है। पत्र में माओवादियों ने दावा किया कि उन्हें इस मुठभेड़ की पहले से आशंका थी, लेकिन बढ़ते सुरक्षा दबाव के चलते बसवराजु की सुरक्षा व्यवस्था में कटौती करनी पड़ी।
पत्र में यह भी बताया गया कि बसवराजु को सुरक्षित क्षेत्र में जाने का सुझाव दिया गया था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। इसी जिद की वजह से वे सुरक्षाबलों के निशाने पर आ गए।
माओवादियों ने पत्र में पाकिस्तान के साथ भारत के युद्धविराम (सीजफायर) पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इस नीति को लेकर सरकार की मंशा पर संदेह जताया है, जिससे स्पष्ट है कि यह पत्र केवल मुठभेड़ की व्याख्या नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है।
इस खुलासे ने एक बार फिर दिखा दिया है कि सुरक्षाबलों का बढ़ता दबाव माओवादी नेतृत्व तक पहुंच बना चुका है और अब संगठन के शीर्ष पर भी खलबली मची हुई है।
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