Headline
उपराजधानी नागपुर में बेमौसम बारिश की दस्तक; सुबह से जारी झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने 28 अक्टूबर तक येलो अलर्ट जारी किया
नागपुर: भाई दूज मनाने जा रहे पिता-पुत्री की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत, खापरी मार्ग पर हुई दुर्घटना
धंतोली पुलिस की बड़ी कार्रवाई: एमडी पाउडर के साथ तीन आरोपी गिरफ्तार, ₹8.73 लाख का माल जब्त
काछीपुरा में BKC की तर्ज़ पर बनेगा भव्य व्यावसायिक केंद्र; नितिन गडकरी ने 20 अंतरराष्ट्रीय मार्केट और 4 स्पोर्ट्स सेंटर की घोषणा की
उपराजधानी नागपुर में मौसम का मिजाज बदला, शाम को झमाझम बारिश से गर्मी से मिली राहत
यूपी: संभल में चलती कार में लगी भीषण आग, यात्रियों ने कूदकर बचाई जान
यूपी: बुलंदशहर में NH-34 पर चलती बस में लगी आग, 70-80 यात्री थे सवार, मची अफरा-तफरी
दिल्ली-NCR में दिवाली से पहले जहरीली हुई हवा, कई इलाकों में AQI 400 के पार; जानें कहां कैसे हैं हालात
बुलढाणा: पाँच महीने से लंबित फैसला आया, तांबे ही बने रहेंगे पुलिस अधीक्षक — कैट ने याचिका की खारिज

भंडारा: फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र से हासिल की नौकरी, शिकायत के बाद प्रशासन में मचा हड़कंप

भंडारा: फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र से हासिल की नौकरी, शिकायत के बाद प्रशासन में मचा हड़कंप

भंडारा में फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र घोटाला: नौकरियों और पदोन्नति के लिए की गई धांधली, जांच की मांग तेज

भंडारा, महाराष्ट्र – जिले में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है जहां कई लोगों ने सरकारी नौकरी पाने और पदोन्नति में लाभ लेने के लिए फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया। यह खुलासा सामाजिक कार्यकर्ता विजय शिरसागर द्वारा किए गए एक आरटीआई आवेदन के बाद हुआ है।

शिरसागर ने बताया कि उन्हें कुछ सरकारी कर्मचारियों पर संदेह था, जिसके चलते उन्होंने जिला कलेक्टर कार्यालय से दिव्यांग कोटे के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की सूची मांगी। जांच में सामने आया कि कई लोग वर्ग 3 और वर्ग 4 की नौकरियों में फर्जी प्रमाण पत्र के बल पर भर्ती हुए हैं। इसके अलावा कुछ कर्मचारियों ने पदोन्नति और स्थानांतरण में छूट के लिए भी झूठे दस्तावेजों का सहारा लिया।

इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए डिप्टी कलेक्टर स्मिता बेलपत्रे ने संबंधित विभागों को पत्र जारी कर आवश्यक जानकारी मांगी है। जिला सर्जन द्वारा भी इन मामलों की जांच की सिफारिश की गई है। हालांकि, अधिकारियों द्वारा इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया गया और पहले जारी किए गए पत्रों को नजरअंदाज कर दिया गया।

विजय शिरसागर ने अगस्त 2023 में राज्य के मुख्य सचिव, विभागीय आयुक्त, पालकमंत्री और जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर इन संदिग्ध मामलों की गहन जांच की मांग की थी। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी संदिग्ध कर्मचारियों की नागपुर मेडिकल बोर्ड से पुनः चिकित्सा जांच कराई जाए और उनका यूडीआईडी (Unique Disability ID) अपडेट किया जाए।

इस खुलासे के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है और अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन दोषियों पर क्या कार्रवाई करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top