Headline
यवतमाल: रास्ता पूछने के बहाने युवती का अपहरण कर जंगल में दुष्कर्म, आरोपी फरार
नागपुर: शादी के लिए चोरी का सपना टूटा, प्रेमी संग महिला गिरफ्तार
यवतमाल: मूसलधार बारिश और तेज आंधी से तबाही, कई गांवों में जलजमाव; अगले 3 दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी
नागपुर दंगा: मुख्य आरोपी फहीम खान की जमानत याचिका अदालत ने की खारिज
नागपुर: कोरोना से डरें नहीं, सतर्क रहें – मनपा स्वास्थ्य विभाग की अपील; मई में मिले 7 मरीज, 5 स्वस्थ होकर लौटे
विदर्भ का गौरव: नागपुर के डॉ. विलास डांगरे और यवतमाल के सुभाष शर्मा को ‘पद्मश्री’, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित
बुलढाणा: शेगांव में मानसून पूर्व बारिश का कहर, कई स्थानों पर पेड़ गिरे, बिजली बाधित, गांव अंधेरे में डूबा
“भंडारा: पिंपलगांव में पेड़ के नीचे खड़े लोगों पर गिरी आकाशीय बिजली, दो की मौत, दो गंभीर घायल”
“चंद्रपुर: बिजली गिरने से एक की मौत, तीन घायल”

भंडारा: फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र से हासिल की नौकरी, शिकायत के बाद प्रशासन में मचा हड़कंप

भंडारा: फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र से हासिल की नौकरी, शिकायत के बाद प्रशासन में मचा हड़कंप

भंडारा में फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र घोटाला: नौकरियों और पदोन्नति के लिए की गई धांधली, जांच की मांग तेज

भंडारा, महाराष्ट्र – जिले में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है जहां कई लोगों ने सरकारी नौकरी पाने और पदोन्नति में लाभ लेने के लिए फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया। यह खुलासा सामाजिक कार्यकर्ता विजय शिरसागर द्वारा किए गए एक आरटीआई आवेदन के बाद हुआ है।

शिरसागर ने बताया कि उन्हें कुछ सरकारी कर्मचारियों पर संदेह था, जिसके चलते उन्होंने जिला कलेक्टर कार्यालय से दिव्यांग कोटे के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की सूची मांगी। जांच में सामने आया कि कई लोग वर्ग 3 और वर्ग 4 की नौकरियों में फर्जी प्रमाण पत्र के बल पर भर्ती हुए हैं। इसके अलावा कुछ कर्मचारियों ने पदोन्नति और स्थानांतरण में छूट के लिए भी झूठे दस्तावेजों का सहारा लिया।

इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए डिप्टी कलेक्टर स्मिता बेलपत्रे ने संबंधित विभागों को पत्र जारी कर आवश्यक जानकारी मांगी है। जिला सर्जन द्वारा भी इन मामलों की जांच की सिफारिश की गई है। हालांकि, अधिकारियों द्वारा इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया गया और पहले जारी किए गए पत्रों को नजरअंदाज कर दिया गया।

विजय शिरसागर ने अगस्त 2023 में राज्य के मुख्य सचिव, विभागीय आयुक्त, पालकमंत्री और जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर इन संदिग्ध मामलों की गहन जांच की मांग की थी। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी संदिग्ध कर्मचारियों की नागपुर मेडिकल बोर्ड से पुनः चिकित्सा जांच कराई जाए और उनका यूडीआईडी (Unique Disability ID) अपडेट किया जाए।

इस खुलासे के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है और अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन दोषियों पर क्या कार्रवाई करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top