नागपुर: मेयो अस्पताल में अटेंडेंट का विवादित वीडियो वायरल, प्रशासन ने की त्वरित और सख्त कार्रवाई
मेयो अस्पताल में अटेंडेंट का धमकी भरा वीडियो वायरल, प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई; ठेका प्रथा पर उठे सवाल
नागपुर: मेयो अस्पताल में एक अटेंडेंट द्वारा गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देते हुए रिकॉर्ड किया गया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आ गया है। वीडियो में दिखाई देने वाला कर्मचारी एक निजी ठेका कंपनी के जरिए नियुक्त किया गया था, जिसकी पहचान ‘पटले’ के रूप में हुई है।
अधिष्ठाता डॉ. रवि चव्हाण ने वीडियो का संज्ञान लेते हुए तत्काल चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नितिन शिंदे को जांच सौंपी। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी सफाई और अटेंडेंट सेवाएं प्रदान करने वाली एक निजी कंपनी के 158 कर्मचारियों में से एक है, जो वर्तमान में अस्पताल में सेवाएं दे रही है। इस घटना को गंभीर मानते हुए डॉ. शिंदे ने संबंधित कंपनी को कड़ी चेतावनी पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि यदि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोहराई गईं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पद लंबे समय से भरे नहीं गए हैं, जिससे सफाई और देखभाल सेवाएं निजी कंपनियों पर निर्भर हो गई हैं। लेकिन इससे कर्मचारियों की निगरानी और जवाबदेही में कमी आई है, जो अब चिंता का विषय बन चुकी है।
इस घटना ने अस्पतालों में निजीकरण के मॉडल और उसकी खामियों को उजागर कर दिया है। इससे पहले भी अस्पताल परिसर में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा लिफ्ट में महिला डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया था, जिसमें आरोपी की गिरफ्तारी हुई थी।
लगातार हो रही इन घटनाओं ने अस्पताल में सुरक्षित, संवेदनशील और अनुशासित कार्य वातावरण की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर कर दिया है। मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा के लिए प्रशासन से सख्त और प्रभावी कदम उठाने की मांग बढ़ती जा रही है।