छगन भुजबल बने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री, बोले- आज ही संभालूंगा जिम्मेदारी, अधिकारियों संग करूंगा बैठक

छगन भुजबल को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की कमान, आज ही संभालेंगे जिम्मेदारी, प्राथमिकता में राशन और अनाज वितरण प्रणाली की सुधार
नागपुर/मुंबई: महाराष्ट्र की महायुति सरकार में मंत्री बने छगन भुजबल को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का प्रभार सौंप दिया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में गठित कैबिनेट द्वारा यह विभाग उन्हें सौंपे जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। भुजबल ने घोषणा की है कि वे आज ही मंत्रालय पहुंचकर अपने विभाग का चार्ज संभाल लेंगे।
नागपुर में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे भुजबल को जैसे ही मंत्रालय से विभाग मिलने की सूचना मिली, वे तुरंत मुंबई रवाना हो गए। रवाना होने से पहले एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने विभाग से जुड़ी समस्याओं और प्राथमिकताओं को लेकर स्पष्ट रुख अपनाया।
प्राथमिकता में पारदर्शिता और गुणवत्ता वाला अनाज
भुजबल ने कहा, “मेरा विभाग सीधे आम नागरिकों से जुड़ा है। हमारी जिम्मेदारी है कि कोई घोटाला न हो और गरीबों को समय पर गुणवत्तापूर्ण अनाज मिले। कोरोना काल में हमने टीमवर्क से 54 हजार राशन दुकानों तक अनाज पहुंचाया था, उसी प्रतिबद्धता से अब भी काम करेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि अनाज वितरण और राशन कार्ड से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा के लिए जल्द ही विभागीय सचिवों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे ताकि समस्याओं के व्यवहारिक समाधान निकाले जा सकें।
राज्य की वित्तीय स्थिति पर बोले भुजबल
वित्तीय दबाव के सवाल पर भुजबल ने कहा, “कोई भी सरकार झूठे वादों से नहीं चल सकती। अचानक हालात बदलते हैं, और वैसे ही फंड की जरूरतें बढ़ जाती हैं। हमारी बहनों के लिए शुरू की गई योजनाओं का बोझ अब 30 से 40 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अजित पवार इस पर गंभीरता से काम कर रहे हैं।”
भुजबल ने यह भी संकेत दिए कि वित्तीय संतुलन को ध्यान में रखकर ही नई योजनाएं शुरू की जाएंगी और यदि जरूरत पड़ी, तो बिना लागत वाली योजनाओं पर ही विचार होगा।
संक्षेप में:
छगन भुजबल ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने की तैयारी कर ली है। उन्होंने अनाज वितरण में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता जताई है और राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर भी यथार्थवादी रुख अपनाने की बात कही है।