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अमरावती: भारत विरोधी नीतियों पर कड़ा रुख, भारतीय कपास संघ ने तुर्की से किया व्यापार बंद

अमरावती: भारत विरोधी नीतियों पर कड़ा रुख, भारतीय कपास संघ ने तुर्की से किया व्यापार बंद

अमरावती: तुर्की की भारत विरोधी गतिविधियों पर बड़ा कदम, भारतीय कपास संघ ने सभी व्यापारिक संबंध किए समाप्त

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और तुर्की द्वारा पाकिस्तान के पक्ष में खुले समर्थन के बाद भारत में ‘बॉयकॉट टर्की’ अभियान तेज़ी से फैल रहा है। अब इस मुहिम को भारतीय व्यापारिक संस्थाओं का भी समर्थन मिल रहा है। इसी कड़ी में भारतीय कपास संघ (Coton Association of India – CAI) ने तुर्की के साथ सभी प्रकार के कपास व्यापार को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है।

सीएआई के अध्यक्ष अतुल गणात्रा ने इस फैसले को राष्ट्रहित में उठाया गया ठोस कदम बताया। उन्होंने कहा कि तुर्की की ओर से हाल ही में भारत विरोधी नीतियां अपनाई गई हैं और संयुक्त राष्ट्र समेत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ बयान दिए गए हैं। इतना ही नहीं, तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन, हथियार और सैन्य सहायता प्रदान कर भारत की सुरक्षा पर सीधा आघात किया है।

अतुल गणात्रा ने एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से यह घोषणा करते हुए कहा कि, “हमारा संगठन देश की संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। तुर्की ने जिस तरह भारत विरोधी रुख अपनाया है, वह न केवल अस्वीकार्य है बल्कि हमारे राष्ट्रीय हितों के भी खिलाफ है। इसी कारण हमने तुर्की को कपास निर्यात पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया है।”

गौरतलब है कि वर्ष 2024 में भारत से तुर्की को लगभग 74.27 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का कपास और अन्य उत्पाद निर्यात किए गए थे। यह कदम तुर्की के लिए बड़ा आर्थिक झटका माना जा रहा है।

अब भारतीय कपास संघ वैकल्पिक बाजारों की तलाश में है और घरेलू व्यापारियों से भी तुर्की के साथ किसी भी प्रकार के व्यापारिक लेन-देन से बचने की अपील की गई है। यह फैसला ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को मजबूत करने की दिशा में एक और अहम कदम माना जा रहा है।

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