UP Crime: खेत में अधजले कंकाल मिलने से सनसनी, 24 दिन से लापता था उमाशंकर; परिजनों की थ्योरी पर पुलिस को शक
गाजियाबाद: 24 दिन से लापता उमाशंकर की अधजली लाश ईख के खेत में मिली, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका
गाजियाबाद/मोदीनगर: मोदीनगर क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब हैरिटेज स्कूल के पीछे स्थित ईख के खेत में एक अधजला कंकाल बरामद हुआ। परिजनों ने मौके पर पहुंचकर कंकाल की पहचान उमाशंकर के रूप में की, जो बीते 24 दिनों से लापता थे।
उमाशंकर के घरवालों का आरोप है कि उनकी हत्या कर शव को जलाने की कोशिश की गई, ताकि पहचान न हो सके। पुलिस ने कंकाल को पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है और मामले की तह तक पहुंचने के लिए जांच शुरू कर दी है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, परिजनों की कहानी में कुछ विरोधाभास नजर आ रहे हैं, जिस पर संदेह जताया जा रहा है। मामले से जुड़े हर पहलु की गहनता से जांच की जा रही है। स्थानीय लोगों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं।
फिलहाल, इस रहस्यमयी मौत ने इलाके में सनसनी फैला दी है और लोग जवाब तलाश रहे हैं – उमाशंकर की मौत हादसा थी या सुनियोजित हत्या?
गाजियाबाद: लापता उमाशंकर का अधजला कंकाल खेत में मिला, हत्या की आशंका; परिजनों की कहानी पर पुलिस को संदेह
मोदीनगर (गाजियाबाद): गाजियाबाद के मोदीनगर क्षेत्र में बुधवार दोपहर उस वक्त सनसनी फैल गई जब हैरिटेज स्कूल के पीछे ईख के खेत में एक अधजला कंकाल बरामद हुआ। मृतक की पहचान सीकरी कलां गांव के 40 वर्षीय उमाशंकर शर्मा उर्फ बदल के रूप में की गई है, जो पिछले 24 दिनों से लापता थे।
परिजनों ने दावा किया है कि उमाशंकर की हत्या कर शव को जलाने की कोशिश की गई, ताकि पहचान मिटाई जा सके। घटनास्थल से उमाशंकर के अधजले कपड़े भी मिले हैं, जिससे उनके भाई दुष्यंत ने कंकाल की पहचान की। दुष्यंत के अनुसार, उन्हें गांव के कुछ लोगों ने मंगलवार रात जानकारी दी कि उमाशंकर की हत्या कर दी गई है और शव खेतों में फेंका गया है। इसके बाद उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने कंकाल को कब्जे में लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है, लेकिन इस मामले में कई सवाल खड़े हो गए हैं।
पुलिस को परिजनों की कहानी पर शक
मोदीनगर पुलिस को परिजनों की थ्योरी पर संदेह है। पुलिस का कहना है कि यदि उमाशंकर 27 अप्रैल से लापता थे, तो इतने लंबे समय तक परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट क्यों नहीं कराई। इसके अलावा, शिकायत दर्ज कराने के अगले ही दिन कंकाल मिल जाना भी पुलिस को संदेहास्पद लग रहा है।
फोरेंसिक टीम को मौके पर नहीं बुलाया गया
एक और गंभीर लापरवाही यह सामने आई है कि शव मिलने के बावजूद मौके पर फोरेंसिक टीम या फील्ड यूनिट को नहीं बुलाया गया। आमतौर पर ऐसे मामलों में घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने के लिए विशेषज्ञों की टीम भेजी जाती है, लेकिन यहां पुलिस ने खुद ही कंकाल को प्लास्टिक की बोरी में भरकर परिजनों को दिखाया और फिर जांच के लिए भेज दिया।
उमाशंकर का पारिवारिक विवरण
उमाशंकर एक मजदूर थे और पत्नी की मृत्यु सात साल पहले हो चुकी थी। उनके दो बेटियां और एक बेटा है। बेटियां भाई दुष्यंत के पास रहती हैं, जबकि बेटा गुरुकुल में पढ़ता है।
अब जांच के घेरे में है परिवार की भूमिका भी
पुलिस अब हर पहलु की जांच कर रही है, जिसमें परिवार की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा रहा। फिलहाल कंकाल की फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद ही मौत के कारणों और अपराध की पुष्टि हो सकेगी।
इस रहस्यमयी मामले ने इलाके में सनसनी फैला दी है और अब सबकी निगाहें पुलिस की जांच पर टिकी हैं।