Headline
“बयानों पर नहीं कोई पछतावा, ममता बनर्जी और सीपीएम के मुख्यमंत्री करते हैं बराबर प्यार: नितिन गडकरी”
मध्य प्रदेश: रीवावासियों के लिए बड़ी खुशखबरी, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने रीवा-पुणे एक्सप्रेस की घोषणा की; दो महीने में शुरू होगी ट्रेन
भंडारा: तहसीलदार के आदेश पर शुरू हुई पंचनामा कार्रवाई, बेमौसम बारिश से धान की फसल बर्बाद
गोंदिया: बिजली खंभों से एल्युमीनियम तार चुराने वाला गिरोह गिरफ्तार
भंडारा: फर्जी खाद खरीद घोटाले में तीन पर मामला दर्ज, मार्केट कमेटी सचिव गिरफ्तार; कंपनी मालिक और वितरक फरार
नागपुर: हाईवे पुलिस को बड़ी सफलता, कार से बरामद किए 60 लाख रुपये नकद
नागपुर: नागरिकों की खून-पसीने की कमाई डूबी, धोखाधड़ी का मामला दर्ज, पुलिस ने शुरू की जांच
नागपुर: भीमनगर में घरेलू विवाद ने ली जान, पति ने गला दबाकर की पत्नी की हत्या
बुलढाणा में दो पुलिस अधीक्षकों की मौजूदगी से प्रशासन में मची खलबली, कर्मचारियों और नागरिकों में भ्रम

चंद्रपुर की तिरंगा रैली में एकजुट हुए कांग्रेस के दो दिग्गज नेता

चंद्रपुर की तिरंगा रैली में एकजुट हुए कांग्रेस के दो दिग्गज नेता

भारी बारिश में चंद्रपुर की सड़कों पर लहराया तिरंगा, एक मंच पर दिखे कांग्रेस के वडेट्टीवार और धानोरकर

चंद्रपुर: मंगलवार को चंद्रपुर में जोरदार बारिश के बावजूद कांग्रेस ने देशभक्ति से ओतप्रोत भव्य तिरंगा रैली निकाली। इस आयोजन को खास बनाते हुए कांग्रेस के दो बड़े नेताओं—विधानमंडल दल के नेता विधायक विजय वडेट्टीवार और सांसद प्रतिभा धानोरकर—ने पुराने मतभेदों को पीछे छोड़कर पहली बार एकसाथ मंच साझा किया।

यह रैली ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने और उनकी बहादुरी को नमन करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता तिरंगा लेकर सड़कों पर उतरे और देशभक्ति के नारों से माहौल को गुंजायमान कर दिया।

बीते कुछ वर्षों से वडेट्टीवार और धानोरकर के बीच चल रही राजनीतिक तनातनी पार्टी में अंदरूनी खींचतान का कारण बन रही थी। कई मौकों पर दोनों नेता सार्वजनिक मंचों पर एकसाथ आने से भी परहेज करते रहे थे। लेकिन इस रैली में उनकी एकजुटता ने न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया, बल्कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए कांग्रेस को एक नया संबल भी दिया।

रैली में शामिल एक कार्यकर्ता ने भावुक होकर कहा, “आज तिरंगे ने वह कर दिखाया जो शब्द नहीं कर पाए—हमारे नेता साथ आए।” जानकारों का मानना है कि यह एकता भविष्य में कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत कर सकती है।

कुल मिलाकर, तिरंगे की छांव में दिखी यह एकता आने वाले चुनावों से पहले कांग्रेस के लिए एक सकारात्मक संकेत बनकर उभरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top