नागपुर: शालीमार एक्सप्रेस में संदिग्ध हालात में पाए गए 26 बच्चे, आरपीएफ ने की त्वरित कार्रवाई
नागपुर रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध हालात में मिले 26 बच्चे, आरपीएफ ने दिखाई तत्परता; मामले की जांच जारी
नागपुर | शालीमार एक्सप्रेस से नागपुर पहुंचे 26 बच्चों को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद कर सुरक्षा में ले लिया है। यह कार्रवाई उस वक्त हुई जब स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर तैनात स्टेशन मैनेजर ने बड़ी संख्या में बच्चों को असामान्य स्थिति में देखा और तत्काल आरपीएफ को इसकी सूचना दी।
ट्रेन संख्या 18030 के नागपुर पहुंचते ही आरपीएफ टीम ने सक्रियता दिखाते हुए सभी बच्चों को स्टेशन पर उतारा और उन्हें आरपीएफ पोस्ट पर ले जाकर सुरक्षा में रखा। बच्चों के साथ मौजूद एक व्यक्ति, जिसे उनका ‘उस्ताद’ बताया जा रहा है, को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि सभी बच्चे उत्तर प्रदेश से लाए जा रहे थे और उन्हें नागपुर के ताजबाग इलाके के एक मदरसे में दाखिला दिलाने की योजना थी। उस्ताद ने पूछताछ के दौरान एक पंचायत द्वारा जारी अनुमति पत्र भी पेश किया, लेकिन इसकी वैधता को लेकर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य अल्पसंख्यक आयोग और बाल विकास संस्था के प्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बच्चों से बातचीत की और दस्तावेजों की गहन जांच शुरू की। बाल कल्याण समिति (CWC) और चाइल्डलाइन के अधिकारी भी आरपीएफ पोस्ट पर मौजूद रहे और बच्चों से अलग से बातचीत कर उनकी स्थिति का मूल्यांकन किया।
विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी बच्चे को एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाने के लिए संबंधित राज्य सरकार की अनुमति अनिवार्य होती है, विशेषकर जब मामला धार्मिक शिक्षा या संस्था में दाखिले से जुड़ा हो। यह मामला जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और बाल संरक्षण कानूनों के अंतर्गत आता है, जिसमें कड़े नियम लागू हैं।
आरपीएफ के अनुसार, पूरी घटना की रिपोर्ट तैयार कर संबंधित विभागों को भेजी जा रही है। आगे की कार्रवाई बाल कल्याण समिति और प्रशासन की सिफारिशों के आधार पर की जाएगी। फिलहाल सभी बच्चे सुरक्षित हैं और उनके परिवारों से संपर्क साधने की कोशिशें जारी हैं।
मामले की जांच में तेजी लाई गई है और यदि किसी भी प्रकार की अनियमितता सामने आती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।