कृषि मंत्री शिवराज ने राष्ट्रीय मृदा लाइब्रेरी और एआई स्मार्ट ट्रैप यंत्र का किया उद्घाटन, कहा – ‘एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम’ के लिए समन्वय जरूरी
नागपुर में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत भव्य किसान सम्मेलन, कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों का उद्घाटन
नागपुर | उपराजधानी नागपुर में रविवार को ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत एक महत्वपूर्ण किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देश और राज्य की कृषि नीति को लेकर कई बड़े ऐलान हुए। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, राज्यमंत्री आशीष जायसवाल, और आईसीएआर के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो बड़ी तकनीकी पहलों – राष्ट्रीय मृदा लाइब्रेरी और एआई आधारित स्मार्ट ट्रैप यंत्र – का उद्घाटन किया। इन पहलों का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को अधिक वैज्ञानिक और तकनीक-सक्षम बनाना है।
मृदा और कीट नियंत्रण में क्रांतिकारी पहल
राष्ट्रीय मृदा लाइब्रेरी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), भोपाल के मृदा विज्ञान संस्थान और नई दिल्ली स्थित IARI के सहयोग से विकसित की गई है। इसका उद्देश्य देशभर की मिट्टी की विशेषताओं का वैज्ञानिक विश्लेषण करना और किसानों को बेहतर फसल योजनाओं के लिए मार्गदर्शन देना है।
वहीं, केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान नागपुर द्वारा विकसित एआई-आधारित स्मार्ट ट्रैप यंत्र कपास की फसलों को पिंक बॉलवर्म जैसे कीटों से बचाने के लिए तैयार किया गया है। यह यंत्र कीट के प्रकोप से पहले ही किसानों को सचेत कर देगा, जिससे समय पर नियंत्रण संभव हो सकेगा।
“किसान देश की रीढ़ हैं” – शिवराज सिंह चौहान
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री चौहान ने किसानों को भारत की अर्थव्यवस्था की आत्मा बताया। उन्होंने कहा, “अगर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है तो हमें किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करनी होगी। विदर्भ का किसान मेहनती है लेकिन उसे एक ठोस रणनीति की जरूरत है।”
उन्होंने ‘एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम’ के संकल्प की बात करते हुए बताया कि यह अभियान महाराष्ट्र से शुरू हो रहा है और इसका उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करना है।
कपास चुनने की मशीनों पर बोलते हुए चौहान ने कहा कि यदि महाराष्ट्र सरकार इन्हें विकसित करती है तो केंद्र सरकार आर्थिक सहयोग देने को तैयार है।
फडणवीस का कृषि अभियान को समर्थन
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सम्मेलन में कहा, “देश में कृषि क्षेत्र में अनुसंधान तो हो रहा है, लेकिन उसका समन्वय नहीं हो पा रहा। महाराष्ट्र इस दिशा में अग्रणी राज्य बनकर उभरेगा।” उन्होंने कहा कि ‘रेशमबाग से उठने वाली आवाज पूरे देश में गूंजती है’, जो इस अभियान की व्यापकता का प्रतीक है।
राज्य सरकार का निवेश और मांगें
राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा कि अगले पांच वर्षों में राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में ₹25,000 करोड़ का निवेश करेगी। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से नानाजी देशमुख कृषि योजना जैसी मदद की मांग की। उन्होंने मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों के लिए डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से धनराशि सीधे जमा करने की भी सिफारिश की।
किसानों के लिए नई दिशा
सम्मेलन के दौरान ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत एक कृषि उत्पाद प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी, जिसमें मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री ने विभिन्न तकनीकी और जैविक उत्पादों का निरीक्षण किया।
इस सम्मेलन ने स्पष्ट संकेत दिया कि अब कृषि केवल परंपरा पर नहीं, बल्कि विज्ञान, नवाचार और नीति के मजबूत तालमेल पर आधारित होगी। ‘एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम’ का नारा अब सिर्फ विचार नहीं, बल्कि नीति का हिस्सा बनने जा रहा है।