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भंडारा: गर्मी से दूध उत्पादन में गिरावट, हरे चारे की कमी से पशुपालकों की बढ़ी चिंता

भंडारा: गर्मी से दूध उत्पादन में गिरावट, हरे चारे की कमी से पशुपालकों की बढ़ी चिंता

भीषण गर्मी ने भंडारा में घटाया दूध उत्पादन, हरे चारे की कमी से पशुपालक और डेयरी व्यवसाय संकट में

भंडारा: भीषण गर्मी ने अब खेती के साथ-साथ पशुपालन क्षेत्र को भी बुरी तरह प्रभावित करना शुरू कर दिया है। जिले में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है, जिससे दूध देने वाले मवेशियों के लिए हरे चारे की भारी कमी उत्पन्न हो गई है। इसका सीधा असर दूध उत्पादन पर पड़ा है, जो लगभग 50% तक घट गया है।

गर्मी की मार झेल रहे पशुओं को न तो पर्याप्त हरा चारा मिल पा रहा है और न ही संतुलित आहार। चिलचिलाती धूप और बढ़ते तापमान के कारण पशुओं की दूध देने की क्षमता में गिरावट दर्ज की गई है। किसान अब मजबूरी में अपने मवेशियों को राहत देने के लिए हरे नेट और अस्थायी छायाएं बना रहे हैं, ताकि गर्मी से कुछ हद तक राहत मिल सके।

दुग्ध उत्पादन में आई इस गिरावट से सिर्फ किसान ही नहीं, बल्कि गांवों में स्थित दूध क्रय केंद्र भी प्रभावित हो रहे हैं। जहां पहले दूध की आपूर्ति भरपूर रहती थी, वहीं अब दूध की मात्रा आधी रह गई है। इससे डेयरी व्यवसाय में शामिल लोगों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय पशुपालकों का कहना है कि यदि जल्द ही गर्मी से राहत नहीं मिली या हरे चारे की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। जिले के पशुपालक अब सरकार से मदद की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि गर्मी के इस कठिन दौर में उनका पशुधन और आजीविका दोनों सुरक्षित रह सकें।

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