विटामिन B12 को लेकर आप भी तो नहीं हैं इन गलतफहमियों के शिकार? जानिए क्या है सच्चाई
सेहत से जुड़ी अफवाहों में कितना है दम? जानिए विटामिन-B12 से जुड़ी आम गलतफहमियों की हकीकत
आज के समय में खानपान और सेहत को लेकर ढेरों जानकारियां हर ओर से सुनने को मिलती हैं। लेकिन इनमें से कुछ सूचनाएं जहां वैज्ञानिक आधार पर सही होती हैं, वहीं कई ऐसी भी होती हैं जो अफवाह या भ्रम बनकर लोगों को गुमराह करती हैं। विटामिन-B12 भी ऐसा ही एक अहम पोषक तत्व है, जिसे लेकर लोगों के बीच कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं।
कई बार इन गलतफहमियों के कारण लोग या तो जरूरत से ज्यादा सप्लीमेंट लेने लगते हैं या फिर इसकी कमी को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि विटामिन-B12 से जुड़ी सही जानकारी सबके सामने आए।
तो आइए जानें – कौन-सी हैं वो आम गलतफहमियां, और क्या है उनके पीछे की सच्चाई।
Vitamin B12 को लेकर फैलीं 5 बड़ी गलतफहमियां, क्या आप भी मानते हैं इन्हें सच? जानिए हकीकत
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली – सेहत को लेकर लोगों में जागरूकता भले ही बढ़ी हो, लेकिन कई बार यही सजगता भ्रमों का रूप भी ले लेती है। खासतौर पर जब बात पोषण से जुड़े जरूरी तत्वों की हो। ऐसा ही एक अहम विटामिन है Vitamin B12, जिसे लेकर आज भी लोगों के बीच कई तरह की गलत धारणाएं बनी हुई हैं।
जानिए B12 से जुड़ी उन आम भ्रांतियों की सच्चाई, जिन्हें दूर करना बेहद जरूरी है—
1. सिर्फ शाकाहारियों को होती है B12 की कमी
यह अधूरी सच्चाई है। चूंकि B12 मुख्य रूप से मांस, अंडे, दूध जैसे पशु-उत्पादों में पाया जाता है, इसलिए शाकाहारियों में इसकी कमी ज्यादा देखी जाती है। लेकिन मांसाहारी लोग भी इसकी कमी के शिकार हो सकते हैं, खासकर तब जब शरीर इस विटामिन को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता।
2. हरी सब्जियां भी होती हैं B12 का स्रोत
यह पूरी तरह मिथक है। हरी पत्तेदार सब्जियों में कई विटामिन्स होते हैं, लेकिन B12 उनमें शामिल नहीं है। यह केवल एनिमल बेस्ड फूड्स या फोर्टिफाइड प्रोडक्ट्स (जैसे विटामिन युक्त अनाज, सोया दूध) में ही पाया जाता है।
3. सप्लीमेंट्स लेने से होते हैं साइड इफेक्ट्स
सही मात्रा और डॉक्टर की सलाह से लिए गए Vitamin B12 सप्लीमेंट्स पूरी तरह सुरक्षित होते हैं। यह एक वॉटर-सॉल्यूबल विटामिन है, यानी जो अतिरिक्त मात्रा शरीर में नहीं चाहिए होती, वह यूरिन के जरिए बाहर निकल जाती है।
4. B12 की कमी सिर्फ थकान से जुड़ी होती है
वास्तव में, B12 की कमी का असर सिर्फ ऊर्जा स्तर तक सीमित नहीं है। इससे न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, याददाश्त कमजोर होना, अवसाद, यहां तक कि हाथ-पैरों में झनझनाहट जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं।
5. बच्चों को नहीं होती इसकी जरूरत
यह सबसे खतरनाक भ्रमों में से एक है। बच्चों में दिमागी और शारीरिक विकास के लिए B12 बेहद जरूरी है। इसकी कमी से ग्रोथ में रुकावट, सीखने में दिक्कत और कमजोर इम्यून सिस्टम जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कैसे रखें खुद को सुरक्षित?
- फोर्टिफाइड फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें, खासतौर पर अगर आप शाकाहारी हैं।
- नियमित रूप से विटामिन लेवल की जांच कराएं।
- डॉक्टर की सलाह के बिना सप्लीमेंट्स लेने से बचें।
- पाचन से जुड़ी किसी भी समस्या को नजरअंदाज न करें, क्योंकि B12 की कमी का मुख्य कारण उसका अवशोषण न हो पाना भी हो सकता है।
सेहत से जुड़े ऐसे भ्रमों से बचना जरूरी है, ताकि सही समय पर सही कदम उठाया जा सके।