वित्त आयोग अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के साथ राज्य सरकार की बैठक, महापौर, प्रशासक और नगराध्यक्ष हुए शामिल
वित्त आयोग अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया की मुंबई में अहम बैठक, स्थानीय निकायों ने उठाई रोकी गई निधि जारी करने की मांग
मुंबई। केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष प्रो. अरविंद पनगढ़िया की अगुवाई में गुरुवार को मुंबई में राज्य की शहरी निकायों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य की सभी प्रमुख नगर पालिकाओं के महापौर, नगराध्यक्ष और प्रशासक शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य 15वें वित्त आयोग की रोकी गई निधियों और उनके नियोजन को लेकर चर्चा करना था।
बैठक में नागपुर के पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी भी शामिल हुए। उन्होंने नागपुर महानगरपालिका का उदाहरण देते हुए कहा कि जब शहर में निर्वाचित प्रतिनिधि कार्यरत थे, तब निधि मिलने की संभावना के आधार पर कई विकास योजनाओं को मंजूरी दी गई थी और उनके लिए कार्यादेश भी जारी किए गए थे। लेकिन प्रशासक राज लागू होने के बाद वित्त आयोग से मिलने वाली लगभग ₹190 करोड़ की निधि अटक गई है।
गवर्निंग बॉडी की अनुपस्थिति में निधि पर रोक: आयोग की सफाई
बैठक में आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने स्पष्ट किया कि नियमानुसार स्थानीय निकाय में गवर्निंग बॉडी यानी निर्वाचित प्रतिनिधियों की मौजूदगी के बिना वित्त आयोग की निधि जारी नहीं की जा सकती। इस पर कई प्रतिनिधियों ने तर्क दिया कि प्रशासनिक व्यवस्था होते हुए भी विकास कार्यों का नियोजन और क्रियान्वयन संभव है, अतः नियमों में लचीलापन लाया जाए।
नियम संशोधन की मांग, निधि के नियोजन पर जोर
पूर्व महापौर तिवारी ने कहा कि जिन योजनाओं की आधारशिला निर्वाचित प्रतिनिधियों ने रखी थी, उन्हें अधर में छोड़ना सही नहीं होगा। निधि न मिलने से शहरों के अधूरे कार्यों पर असर पड़ा है। उन्होंने आयोग अध्यक्ष को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें निधि जारी करने और नियमों में संशोधन की मांग की गई।
बैठक में राज्य के अन्य नगरों के प्रतिनिधियों ने भी यही मांग दोहराई और 15वें वित्त आयोग की अटकी हुई निधियों को जल्द से जल्द जारी करने की अपील की।