Headline
‘दुनिया ने देखा भारत की सैन्य ताकत को’: संसद के मानसून सत्र की शुरुआत पर बोले पीएम मोदी, विपक्ष से की सहयोग की अपील
चंद्रपुर: चाकू और ज़िंदा कारतूस के साथ दो आरोपी गिरफ्तार, ब्रह्मपुरी तहसील में स्थानीय अपराध शाखा की छापेमारी
वायरल वीडियो पर माणिकराव कोकाटे का स्पष्टीकरण: रमी खेलने से किया इनकार, विपक्ष पर लगाया साजिश का आरोप
विदर्भ में मूसलाधार बारिश का अलर्ट: 21 से 24 जुलाई तक नागपुर सहित कई जिलों में येलो अलर्ट जारी
परिणय फुके आए कृषि मंत्री कोकाटे के समर्थन में, वीडियो को बताया फर्जी; रोहित पवार पर बोला हमला
“न हनी है, न ट्रैप”, वडेट्टीवार के बयान पर बावनकुले का पलटवार – बोले, जनता को गुमराह करने की हो रही कोशिश
सड़क पर मलबा फैलाने वाले 232 बिल्डरों पर मनपा की कार्रवाई, ₹1.16 करोड़ जुर्माना वसूला
नागपुर APMC घोटाले की जांच अब SIT को सौंपी गई, भाजपा विधायकों की मांग पर राज्य सरकार का फैसला
नागपुर सेंट्रल जेल में खूनी झड़प: कैदी ने साथी का गुप्तांग दांत से काटा

भंडारा: बाढ़ राहत सूची में बड़ा घोटाला, राजस्व सेवक निलंबित

भंडारा: बाढ़ राहत सूची में बड़ा घोटाला, राजस्व सेवक निलंबित

भंडारा: बाढ़ राहत में फर्जीवाड़ा उजागर, राजस्व सेवक निलंबित, जांच समिति गठित

भंडारा जिले की तुमसर तहसील में सितंबर 2024 में आई बाढ़ के बाद राहत वितरण में सामने आए गड़बड़ी के मामले ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वैनगंगा नदी की बाढ़ से प्रभावित सुकळी नकुल और गोंडीटोला गांवों में किसानों की फसलें बर्बाद हो गई थीं। इसके बाद राजस्व विभाग ने नुकसान का आंकलन कर राहत सूची बनाई, लेकिन अब इस सूची की पारदर्शिता पर गंभीर संदेह जताए जा रहे हैं।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राहत सूची में कई ऐसे व्यक्तियों के नाम शामिल किए गए, जिनका बाढ़ या कृषि से कोई लेना-देना ही नहीं था। इस घोटाले का सबसे चौंकाने वाला पहलू तब सामने आया जब बिनाखी साजा क्रमांक ११ के महसूल सेवक महेश बिसने की पत्नी का नाम लाभार्थियों में पाया गया, जबकि उनके पास कोई कृषि भूमि नहीं है। प्रारंभिक जांच में यह नाम जानबूझकर सूची में जोड़े जाने की पुष्टि हुई है।

इस खुलासे के बाद महसूल सेवक महेश बिसने को तुरंत निलंबित कर दिया गया है। साथ ही, दो सदस्यीय जांच समिति गठित कर तलाठी और पुलिस पाटिल के खिलाफ भी कार्रवाई की अनुशंसा जिलाधिकारी को भेजी गई है।

इस प्रकरण के बाद राजस्व विभाग में खलबली मच गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच जारी है। उधर, स्थानीय ग्रामीणों और किसान संगठनों ने दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है, ताकि राहत कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top