अमरावती कृषि बाजार समिति की रैंकिंग में भारी गिरावट, वार्षिक विपणन मूल्यांकन में 17 अंकों का नुकसान
अमरावती कृषि बाजार समिति की साख को झटका, वार्षिक रैंकिंग में 17 पायदान नीचे खिसकी
अमरावती।
एक समय राज्य की शीर्ष कृषि बाजार समितियों में शुमार रही अमरावती कृषि उपज बाजार समिति को इस साल बड़ा झटका लगा है। विपणन निदेशालय द्वारा जारी की गई वार्षिक रैंकिंग में इस समिति की स्थिति में भारी गिरावट आई है। पिछले वर्ष जहां यह समिति राज्य में नौवें स्थान पर थी, वहीं इस बार यह सीधे 26वें स्थान पर पहुंच गई है—यानी 17 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है।
किसानों को नकद भुगतान और करोड़ों रुपये के वार्षिक टर्नओवर के लिए जानी जाने वाली अमरावती कृषि बाजार समिति की यह गिरावट कई सवाल खड़े करती है। उल्लेखनीय है कि राज्य की 305 मंडी समितियों के बीच हुई इस मूल्यांकन प्रक्रिया में चार प्रमुख मानदंड—बुनियादी ढांचा, वित्तीय प्रबंधन, वैधानिक संचालन और किसानों को दी जाने वाली सुविधाएं—शामिल थे। कुल 200 अंकों की इस रैंकिंग प्रक्रिया में अमरावती समिति को मात्र 135 अंक मिले।
चांदुरबाजार समिति ने बढ़ाया जिले का मान
दूसरी ओर, अमरावती जिले की ही चांदुरबाजार कृषि बाजार समिति ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 155.5 अंकों के साथ राज्य स्तर पर पांचवां स्थान प्राप्त किया है। यह रैंकिंग स्पष्ट करती है कि बेहतर योजना, नवाचार और संचालन के जरिये जिले की अन्य समितियां अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।
बाजार समिति के लिए चेतावनी
अमरावती कृषि बाजार समिति, जो प्रतिवर्ष 15 से 20 करोड़ रुपये की आय उत्पन्न करती है और किसानों व व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र मानी जाती है, के लिए यह गिरावट एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल्द सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो समिति की साख और प्रदर्शन में और गिरावट आ सकती है।
अब देखना यह होगा कि यह प्रतिष्ठित समिति अपनी खोई हुई रैंकिंग को वापस हासिल करने के लिए किस तरह के बदलाव और सुधार अपनाती है।