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विधानमंडल विस्तार: बिल्डिंग का नया मूल्यांकन होगा, सभापति ने रिपोर्ट तैयार कर हाई लेवल कमिटी को भेजने के दिए निर्देश

विधानमंडल विस्तार: बिल्डिंग का नया मूल्यांकन होगा, सभापति ने रिपोर्ट तैयार कर हाई लेवल कमिटी को भेजने के दिए निर्देश

नागपुर: विधानभवन परिसर के विस्तार के लिए नए सिरे से मूल्यांकन की प्रक्रिया, सभापति ने दिए दिशा-निर्देश

नागपुर। विधान परिषद के सभापति राम शिंदे ने हाल ही में नागपुर स्थित विधानभवन परिसर के विस्तारीकरण के कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक के दौरान शिंदे ने कहा कि, “आने वाले समय में सदस्यों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए, विधानभवन परिसर में सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा और सदस्यों के बैठने के लिए उपयुक्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।”

उन्होंने बताया कि बैठक में कुल 14 विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें मुख्य रूप से विधानभवन के विस्तार पर जोर दिया गया। शिंदे ने यह भी बताया कि, “जैसे देश में नया संसद भवन तैयार हुआ है, उसी प्रकार नागपुर में विधानभवन परिसर के विस्तारीकरण के काम को भी तेज़ी से किया जाएगा।” साथ ही उन्होंने सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग को आदेश दिया कि इस प्रक्रिया को त्वरित गति से आगे बढ़ाया जाए ताकि डीलिमिटेशन के बाद सदस्यों के लिए पर्याप्त व्यवस्था तैयार हो सके।

मेंटेनेंस खर्च को कम करने पर जोर

शिंदे ने यह भी कहा कि वर्तमान में शीतकालीन अधिवेशन के दौरान लाखों करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, लेकिन यह केवल कुछ दिनों के लिए होता है। इस पर सुधार की आवश्यकता को महसूस करते हुए उन्होंने अधिकारियों से कहा कि संसाधनों का साल भर उपयोग सुनिश्चित किया जाए और मेंटेनेंस खर्चों को कम करने के उपाय तलाशे जाएं।

वन विभाग की ज़मीन और अधूरी ईमारत का अधिग्रहण

सभापति ने आगे यह भी बताया कि विधानभवन परिसर के विस्तार के लिए वन विभाग की ज़मीन के हस्तांतरण की प्रक्रिया को तेज़ किया जाएगा। इसके अलावा, नागपुर स्थित एन कुमार होटल्स की अधूरी पड़ी इमारत के अधिग्रहण के लिए नए सिरे से कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले कई प्रयास किए गए थे, लेकिन अब ईमारत के मालिक से फिर से संपर्क कर संपत्ति का मूल्यांकन किया जाएगा और रिपोर्ट को हाई लेवल कमिटी के पास भेजा जाएगा।

संसदीय कार्यों के लिए बेहतर व्यवस्था की ओर कदम

सभापति ने यह भी बताया कि विधानभवन के विस्तार से जुड़ी सभी योजनाओं को जल्द ही अमल में लाया जाएगा ताकि भविष्य में संसदीय कार्यों के संचालन के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध हो सकें।

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