निशिकांत दुबे पर भड़कीं कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद, CJI से की सख्त कार्रवाई की मांग, BJP से कहा– पार्टी से बाहर निकालो
निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट पर दिए बयान से मचा सियासी तूफान, शमा मोहम्मद ने जताई कड़ी आपत्ति, BJP से की निष्कासन की मांग
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे द्वारा सुप्रीम कोर्ट को लेकर दिए गए बयान ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। बयान को लेकर विपक्षी दलों की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। अब कांग्रेस की नेता डॉ. शमा मोहम्मद भी खुलकर निशिकांत दुबे के खिलाफ सामने आ गई हैं।
शमा मोहम्मद ने दुबे के बयान को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उन्होंने बीजेपी नेतृत्व से अपील की है कि वह निशिकांत दुबे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए।
कांग्रेस नेता का कहना है कि किसी भी जनप्रतिनिधि को न्यायपालिका के खिलाफ इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर ऐसे बयान पर चुप्पी साधी गई तो यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सीधा हमला होगा।
इस मुद्दे पर अब सियासी टकराव और तेज़ होने की संभावना है, वहीं बीजेपी की ओर से अभी तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
CJI पर बयान देकर घिरे निशिकांत दुबे, कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद ने की कड़ी कार्रवाई की मांग, बीजेपी से भी उठाई बाहर निकालने की आवाज़
नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश को लेकर दिए गए विवादित बयान पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे राजनीतिक घमासान में फंस गए हैं। एक ओर खुद भारतीय जनता पार्टी ने उनके बयान से दूरी बना ली है, वहीं विपक्ष लगातार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है। इसी क्रम में कांग्रेस नेता डॉ. शमा मोहम्मद ने निशिकांत दुबे के खिलाफ तीखा हमला बोला है।
CJI से सवाल और कार्रवाई की मांग
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में शमा मोहम्मद ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना से अपील की है कि वे इस मामले में न्यायालय की अवमानना के तहत सख्त कदम उठाएं। उन्होंने कहा, “अगर आज इस पर कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले दिनों में न्यायपालिका पर इस तरह के हमले आम बात बन जाएंगे।”
बीजेपी से भी की निष्कासन की मांग
शमा मोहम्मद ने बीजेपी नेतृत्व पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी को स्पष्ट रुख अपनाते हुए निशिकांत दुबे को बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। उनका कहना था कि इस बयान से न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंची है, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की साख पर भी सवाल खड़े हुए हैं।
“संविधान खतरे में”, राहुल गांधी की चेतावनी का किया ज़िक्र
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी बार-बार यह चेतावनी दे चुके हैं कि संविधान खतरे में है, और निशिकांत दुबे का बयान इसी खतरे की पुष्टि करता है। शमा ने जोर देकर कहा कि ऐसे बयानों को नजरअंदाज करना लोकतंत्र को कमजोर करने जैसा है।
क्या कहा था निशिकांत दुबे ने?
गौरतलब है कि हाल ही में निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि “जब कोर्ट ही कानून बना रहा है, तो संसद की क्या जरूरत है? संसद को बंद कर देना चाहिए।” उनके इस बयान ने संसद और न्यायपालिका के बीच संतुलन पर बहस छेड़ दी है और तमाम राजनीतिक दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट और बीजेपी इस बयान पर क्या रुख अपनाते हैं, क्योंकि विपक्ष इस मुद्दे को आसानी से ठंडा पड़ने देने के मूड में नहीं है।