सोनीपत राशन घोटाला: गरीबों के निवाले पर डाका, वितरण में गड़बड़ी का खुलासा; छापेमारी के बाद मचा हड़कंप
सोनीपत: पबसरा और जाखोली गांवों में राशन घोटाला उजागर, एक लाइसेंस पर चल रही थीं सात दुकानें
सोनीपत जिले में गरीबों के हक के राशन में बड़े पैमाने पर धांधली का मामला सामने आया है। खाद्य आपूर्ति विभाग की टीम ने पबसरा और जाखोली गांवों में छापेमारी कर राशन वितरण में गंभीर अनियमितताएं पकड़ीं। जांच में खुलासा हुआ कि एक ही लाइसेंस के तहत सात अलग-अलग दुकानें चलाई जा रही थीं, जो नियमों के स्पष्ट उल्लंघन का मामला है।
इसके अलावा गोदामों में राशन स्टॉक की भी भारी कमी पाई गई, जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि गरीबों के लिए निर्धारित अनाज को कहीं और खपाया जा रहा था। विभाग ने इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए तुरंत मामला दर्ज कर लिया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी और राशन प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। ग्रामीणों के बीच इस कार्रवाई के बाद उम्मीद जगी है कि अब गरीबों को उनका हक बिना किसी बाधा के मिल सकेगा।
सोनीपत: गरीबों के राशन में बड़ा खेल, एक लाइसेंस पर सात डिपो, कई क्विंटल अनाज और तेल गायब
सोनीपत जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में भारी घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। गरीबों को मिलने वाला राशन न सिर्फ हेरा-फेरी का शिकार हुआ, बल्कि बाजार में बेचने के लिए चोरी तक किया गया। खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से की गई छापेमारी में चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आई हैं।
एक ही लाइसेंस से सात दुकानों का संचालन
बुधवार देर शाम विभाग की टीम ने इंस्पेक्टर नवीन पालीवाल के नेतृत्व में पबसरा और जाखोली गांवों में सात स्थानों पर एक साथ छापा मारा। जांच में खुलासा हुआ कि एक ही लाइसेंस पर सात राशन डिपो चल रहे थे। डिपो होल्डर जयप्रकाश दो अलग-अलग पीओएस मशीनों से इन डिपो पर राशन का वितरण कर रहा था, जो स्पष्ट रूप से विभागीय नियमों का उल्लंघन है।
स्टॉक में गड़बड़ी: कहीं राशन ज्यादा, कहीं कम
छापे के दौरान स्टॉक के मिलान में कई विसंगतियां मिलीं।
- पबसरा गांव में मशीन के अनुसार 23 किलो चीनी और एक क्विंटल दो किलो बाजरा अधिक मिला, जबकि 182 लीटर सरसों का तेल भी ज्यादा था।
- जाखोली गांव में 35.64 क्विंटल गेहूं और 31 किलो चीनी कम, जबकि 3.62 क्विंटल बाजरा अधिक और 275 लीटर तेल कम मिला।
विभाग को संदेह है कि जिन स्थानों पर स्टॉक कम मिला, वहां से राशन को अवैध रूप से बाजार में बेचा गया होगा।
खेवड़ा में मिला था बेनामी डिपो
इससे पहले मार्च में खेवड़ा गांव में एक बेनामी राशन डिपो पकड़ा गया था। डिपो किसी और के नाम पर पंजीकृत था, लेकिन उसे कोई और चला रहा था। इतना ही नहीं, डिपो होल्डर को मिलने वाला कमीशन भी किसी अन्य व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर हो रहा था। विभाग ने इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए डिपो सील कर दिया और संबंधित लोगों पर केस दर्ज किया।
राशन वितरण में ठेकेदार की लापरवाही से भी परेशानी
राशन वितरण में लापरवाही का एक और चेहरा उस वक्त सामने आया जब फरवरी और मार्च में जिले के कई कार्डधारकों को उनका राशन नहीं मिल सका। ठेकेदार की देरी के चलते राशन समय पर नहीं पहुंचा, और माह के अंत में भेजे जाने के कारण पीओएस मशीनों में वितरण नहीं हो सका। इसके चलते उपभोक्ताओं को सरसों का तेल तक नहीं मिल पाया।
अप्रैल से व्यवस्था सामान्य, लेकिन सवाल बरकरार
हालांकि विभाग ने अप्रैल से राशन वितरण को सुचारू कर दिया है, लेकिन इन घटनाओं ने पीडीएस प्रणाली की पारदर्शिता और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग ने छापेमारी के बाद सभी अनियमित डिपो बंद कर दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अब जरूरत है सख्त निगरानी और जवाबदेही की, ताकि गरीबों का हक सुरक्षित रह सके।