नागपुर फर्जी शिक्षक नियुक्ति घोटाला: उपसंचालक उल्हास नरड गिरफ्तार, डीसीपी राहुल मदने ने की पुष्टि
नागपुर में शिक्षक नियुक्ति घोटाला उजागर: उपसंचालक उल्हास नरड और फर्जी मुख्याध्यापक गिरफ्तार, शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप
नागपुर: जिले में फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए शिक्षक पद पर नियुक्ति का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस घोटाले के चलते शिक्षा विभाग के उपसंचालक उल्हास नरड को नागपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनके साथ ही एक फर्जी तरीके से मुख्याध्यापक पद पर नियुक्त पराग पुडके को भी हिरासत में लिया गया है।
पुलिस उपायुक्त राहुल मदने ने बताया कि संबंधित स्कूल ने पहले ही विभाग को इस अनियमितता की जानकारी दी थी, लेकिन समय पर कार्रवाई नहीं होने के कारण पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। उल्हास नरड को गढ़चिरोली से गिरफ्तार किया गया, जहां से वह इस पूरे प्रकरण को अंजाम दे रहे थे।
जांच के अनुसार, पराग पुडके को बिना किसी शैक्षणिक अनुभव और शिक्षक के रूप में काम किए बिना ही भंडारा जिले के लाखनी तालुका स्थित एक स्कूल में मुख्याध्यापक बना दिया गया था। इतना ही नहीं, शालार्थ प्रणाली में भी उन्हें गलत तरीके से मुख्याध्यापक के रूप में दर्ज कर दिया गया।
इससे पहले भी इस घोटाले से जुड़े एक और अधिकारी, वेतन शाखा व भविष्य निधि अधीक्षक निलेश वाघमारे को निलंबित किया जा चुका है।
पुलिस को शक है कि यह घोटाला केवल दो-तीन लोगों तक सीमित नहीं है। जांच के दायरे में अब अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी आ चुके हैं, और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।
शिक्षा विभाग में फैली इस लापरवाही और मिलीभगत ने पूरे तंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।