“1 जून से हिमाचल में सिंगल यूज प्लास्टिक पानी की बोतलें नहीं मिलेंगी, कांच की बोतलें और डिस्पेंसर अपनाने का आदेश”
हिमाचल सरकार का बड़ा कदम: 1 जून से 500 मिलीलीटर से कम की सिंगल यूज प्लास्टिक पानी की बोतलों पर प्रतिबंध
हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। राज्य सरकार ने 1 जून 2025 से 500 मिलीलीटर से कम की सिंगल यूज प्लास्टिक पानी की बोतलों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करना और पर्यावरण को बचाना है। सरकार ने इस प्रतिबंध के बाद कांच की बोतलें, डिस्पेंसर और अन्य पर्यावरण-friendly विकल्पों को अपनाने की सलाह दी है।
हिमाचल सरकार ने उठाया बड़ा कदम: 1 जून 2025 से 500 मिलीलीटर से कम की सिंगल यूज प्लास्टिक पानी की बोतलों पर प्रतिबंध
शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश में 1 जून 2025 से 500 मिलीलीटर से कम की सिंगल यूज प्लास्टिक पानी की बोतलों का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने शनिवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की। सरकार ने उपयोगकर्ताओं से कांच की बोतलें या अन्य वैकल्पिक उपाय अपनाने की अपील की है। इस तारीख को तय करने का उद्देश्य बाजार में पहले से मौजूद स्टॉक को समाप्त करने का समय देना और व्यापारियों को नुकसान से बचाना है।
जागरूकता गतिविधियां चलाएंगे सरकारी संगठन
राज्य के विभिन्न सरकारी संगठन, जिनमें पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग, पर्यटन विभाग, शिक्षा विभाग, शहरी विकास विभाग और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शामिल हैं, सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक पानी की छोटी बोतलों के उपयोग के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएंगे। इसके अलावा, इन बोतलों के रिसाइक्लिंग को बेहतर बनाने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएंगे और सार्वजनिक स्थलों पर इनके उपयोग पर निगरानी रखी जाएगी।
प्रतिबंध के स्थान और उल्लंघन पर कार्रवाई
यह प्रतिबंध सरकारी समारोहों, पर्यटन विकास निगम के होटलों, निजी होटलों, विवाह समारोहों और अन्य सामाजिक आयोजनों में लागू होगा। इन स्थानों पर 500 मिलीलीटर से कम की सिंगल यूज प्लास्टिक पानी की बोतलें उपयोग में नहीं लाई जा सकेंगी। यदि किसी ने इसका उल्लंघन किया तो जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिबंध का उद्देश्य
500 मिलीलीटर से कम की प्लास्टिक पानी की बोतलें अत्यधिक उपयोग में आती हैं, लेकिन इनमें पानी की मात्रा कम होती है, जिससे प्लास्टिक की खपत बढ़ती है। इन बोतलों का उपयोग बाद में इधर-उधर फेंका जाता है, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान होता है। इनकी रिसाइक्लिंग भी कठिन है, जिससे प्रदूषण और बढ़ता है। इस प्रतिबंध के माध्यम से सरकार का उद्देश्य इन समस्याओं से निपटना और पर्यावरण को बचाना है।