“Chhaava Box Office Day 47: Sikandar के खेल में फंसा छावा, मंगलवार को कलेक्शन में बड़ा उलटफेर”
विक्की कौशल की ‘छावा’ की बॉक्स ऑफिस पर लंबी पारी, लेकिन सिकंदर के जाल में फंसकर कलेक्शन में आई गिरावट
विक्की कौशल की ऐतिहासिक फिल्म ‘छावा’ ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार शुरुआत की थी, जहां पहले दिन ही 33 करोड़ की कमाई की थी और महज तीन दिनों में 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया था। 46 दिनों तक बॉक्स ऑफिस पर राज करने के बाद, ‘छावा’ अब ‘सिकंदर’ के मुकाबले पिछड़ती दिख रही है, और इसके कलेक्शन में अचानक गिरावट आई है। फिल्म का प्रदर्शन अब धड़ाम हुआ है, जिससे बॉक्स ऑफिस पर इसका दबदबा खत्म हो गया है।
‘छावा’ का बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन गिरा, सलमान खान की ‘सिकंदर’ ने छोड़ी छाया
विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना स्टारर फिल्म ‘छावा’ बॉक्स ऑफिस पर शानदार शुरुआत करने के बाद अब सलमान खान की फिल्म ‘सिकंदर’ के जाल में फंसती नजर आ रही है। लक्ष्मण उतेकर के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने पहले ही हफ्ते में 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई की थी, और जल्द ही भारत में 500 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया था। 46 दिनों तक फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन अब इसके कलेक्शन में गिरावट आ गई है।
47वें दिन छावा की कमाई में बड़ी गिरावट
छावा के कलेक्शन में गिरावट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 47वें दिन, यानी मंगलवार को, विक्की कौशल की फिल्म ने हिंदी में केवल 54 लाख रुपये कमाए। वहीं, तेलुगु में 26वें दिन इसे 10 लाख रुपये का कलेक्शन मिला। पहले सोमवार को फिल्म ने हिंदी में 1.27 करोड़ और तेलुगु में 10 लाख रुपये कमाए थे, लेकिन मंगलवार को सिकंदर के प्रभाव से ‘छावा’ की कमाई में बड़ी कमी आई।
अब 600 करोड़ के क्लब में शामिल होने की उम्मीद कमजोर
फिल्म ‘छावा’ ने अब तक हिंदी में कुल 579.03 करोड़ रुपये और तेलुगु में 15.87 करोड़ रुपये कमाए हैं। दोनों भाषाओं को मिलाकर फिल्म का कुल नेट कलेक्शन 594.9 करोड़ रुपये है। अब तक के कलेक्शन को देखकर यह उम्मीद जताई जा रही थी कि फिल्म 600 करोड़ के क्लब में शामिल हो सकती है, लेकिन सिकंदर के प्रभाव से यह सपना अधूरा होता नजर आ रहा है।
वर्ल्डवाइड कलेक्शन में ‘छावा’ का आंकड़ा 799.74 करोड़ तक पहुंचा
वर्ल्डवाइड कलेक्शन की बात करें तो, ‘छावा’ ने अब तक 799.74 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है और जल्द ही यह फिल्म 800 करोड़ के क्लब में शामिल होने वाली है। हालांकि, भारत में 600 करोड़ के आंकड़े तक पहुंचने के लिए इसे और 6 करोड़ की जरूरत है, जो अब सिकंदर की वजह से मुश्किल लगता है।