कमलेश तिवारी हत्याकांड का साजिशकर्ता आसिम अली, नागपुर हिंसा का मास्टरमाइंड होने की आशंका
नागपुर में 17 मार्च को हुई सांप्रदायिक हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता सैयद आसिम अली हो सकता है, जो 2019 के कमलेश तिवारी हत्याकांड का भी आरोपी है। हिंसा के बाद से ही वह फरार है। महाराष्ट्र एटीएस उसे पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है। वह माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक फ्रंट से जुड़ा रहा है और इस पार्टी के सोशल मीडिया संचालन की जिम्मेदारी संभालता था। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
नागपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हो सकता है कमलेश तिवारी हत्याकांड का आरोपी सैयद आसिम अली, पुलिस की तलाश जारी
मुंबई, राज्य ब्यूरो: महाराष्ट्र के नागपुर में इसी महीने हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे 2019 में लखनऊ में हुए कमलेश तिवारी हत्याकांड के साजिशकर्ता सैयद आसिम अली का हाथ हो सकता है। 17 मार्च को हुई इस हिंसा के बाद से ही वह फरार है।
नागपुर हिंसा में अहम भूमिका, पुलिस के निशाने पर
अब तक की जांच में माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक फ्रंट के पदाधिकारी फहीम खान को इस हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा था और उसे गिरफ्तार भी किया गया है। हालांकि, इसी पार्टी के संस्थापक सदस्य सैयद आसिम अली की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। वह 17 मार्च को गणेश पेठ पुलिस स्टेशन के सामने हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल था, और हिंसा भड़काने के लिए भीड़ जुटाने में उसकी भूमिका सामने आ रही है।
गिरफ्तारी से बच रहा है आसिम अली
पुलिस सूत्रों के अनुसार, उसके मोबाइल की लोकेशन से पुष्टि हुई है कि वह उस समय घटनास्थल पर मौजूद था। लेकिन जहां फहीम खान सहित कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, वहीं सैयद आसिम अली अंडरग्राउंड हो चुका है।
कमलेश तिवारी हत्याकांड में था मुख्य आरोपी
आसिम अली, हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की 2019 में हुई हत्या का मुख्य आरोपी था। इस मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने उसे गिरफ्तार कर उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपा था। जुलाई 2024 में उसे सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली, जिसके बाद वह माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक फ्रंट में सक्रिय हो गया और पार्टी के सोशल मीडिया संचालन की जिम्मेदारी संभालने लगा।
राजनीति में भी सक्रिय रहा है आसिम अली
नागपुर का निवासी आसिम अली, 2019 में कमलेश तिवारी हत्याकांड में गिरफ्तार होने से पहले भाजपा नेता नितिन गडकरी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुका था। चूंकि जुलाई 2024 तक उसे जमानत नहीं मिली थी, इसलिए 2024 के लोकसभा चुनाव में उसने खुद चुनाव लड़ने के बजाय फहीम खान को माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक फ्रंट की ओर से गडकरी के खिलाफ उतारा था।
फिलहाल, पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है और उसके जल्द गिरफ्त में आने की संभावना जताई जा रही है।