Headline
‘21वीं सदी भारत और आसियान की सदी’ — आसियान शिखर सम्मेलन में बोले PM मोदी, साझा विकास पर दिया जोर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मेरठ में बुलडोजर एक्शन, सेंट्रल मार्केट का अवैध कॉम्प्लेक्स ध्वस्त
नागपुर के नंदनवन में 12 वर्षीय मासूम से दरिंदगी: एक आरोपी गिरफ्तार, दूसरा फरार
राक्षस पिता की हैवानियत: अंढेरा में दो जुड़वां बच्चियों की हत्या, सड़ी-गली लाशें बरामद
ओबीसी महासंघ अध्यक्ष बबनराव तायवाड़े ने डॉक्टर आत्महत्या मामले पर दुख व्यक्त किया, SIT गठित कर जांच की मांग की
BJP विधायक फुके का ‘कमीशन’ बम: भंडारा नगर परिषद में करोड़ों के घोटाले का दावा
मुख्यमंत्री फडणवीस का ऑपरेशन क्लीनअप: अवैध बांग्लादेशियों की ब्लैकलिस्ट तैयार, फर्जी दस्तावेज़ होंगे रद्द
उपराजधानी नागपुर में बेमौसम बारिश की दस्तक; सुबह से जारी झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने 28 अक्टूबर तक येलो अलर्ट जारी किया
नागपुर: भाई दूज मनाने जा रहे पिता-पुत्री की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत, खापरी मार्ग पर हुई दुर्घटना

जेनरेटिव AI के लिए डेटा स्टोर करने टियर 2-3 शहरों में जा रही हैं डेटा सेंटर कंपनियां

जेनरेटिव AI के लिए डेटा स्टोर करने टियर 2-3 शहरों में जा रही हैं डेटा सेंटर कंपनियां

एस.के. सिंह, नई दिल्ली
डिजिटल टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग के चलते, भारत की डेटा सेंटर इंडस्ट्री की क्षमता पिछले पांच वर्षों में दोगुनी से अधिक बढ़ गई है। 2019 से 2024 के बीच यह 139% बढ़कर 1.4 गीगावाट हो गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, इंटरनेट की पहुंच में वृद्धि और प्रति यूजर डेटा खपत में बढ़ोतरी इसके प्रमुख कारण हैं। 2019 में इंटरनेट पेनिट्रेशन 33.4% था, जो 2024 में बढ़कर 55.2% हो जाएगा, जबकि प्रति यूजर डेटा खपत 11.5 जीबी से बढ़कर 21.1 जीबी प्रतिमाह हो गई है। स्मार्टफोन के औसत डेटा ट्रैफिक में भी वृद्धि हुई है, जो 13 जीबी से बढ़कर 32 जीबी हो गया है। डेटा सेंटर ऑपरेटर अब जयपुर, अहमदाबाद, लखनऊ, पटना जैसे टियर 2 और टियर 3 शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। जेनरेटिव एआई के बढ़ते उपयोग को देखते हुए, भविष्य में इन शहरों में डेटा सेंटरों की संख्या और बढ़ने की संभावना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top