जेनरेटिव AI के लिए डेटा स्टोर करने टियर 2-3 शहरों में जा रही हैं डेटा सेंटर कंपनियां
एस.के. सिंह, नई दिल्ली
डिजिटल टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग के चलते, भारत की डेटा सेंटर इंडस्ट्री की क्षमता पिछले पांच वर्षों में दोगुनी से अधिक बढ़ गई है। 2019 से 2024 के बीच यह 139% बढ़कर 1.4 गीगावाट हो गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, इंटरनेट की पहुंच में वृद्धि और प्रति यूजर डेटा खपत में बढ़ोतरी इसके प्रमुख कारण हैं। 2019 में इंटरनेट पेनिट्रेशन 33.4% था, जो 2024 में बढ़कर 55.2% हो जाएगा, जबकि प्रति यूजर डेटा खपत 11.5 जीबी से बढ़कर 21.1 जीबी प्रतिमाह हो गई है। स्मार्टफोन के औसत डेटा ट्रैफिक में भी वृद्धि हुई है, जो 13 जीबी से बढ़कर 32 जीबी हो गया है। डेटा सेंटर ऑपरेटर अब जयपुर, अहमदाबाद, लखनऊ, पटना जैसे टियर 2 और टियर 3 शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। जेनरेटिव एआई के बढ़ते उपयोग को देखते हुए, भविष्य में इन शहरों में डेटा सेंटरों की संख्या और बढ़ने की संभावना है।