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दूध उत्पादन में भारत बना नंबर 1, अगले 5 साल में 300 MMT का उत्पादन लक्ष्य

दूध उत्पादन में भारत बना नंबर 1, अगले 5 साल में 300 MMT का उत्पादन लक्ष्य

Male farmer pouring raw milk into container with dairy cows in background

भारत ने दूध उत्पादन में दर्ज किया सर्वोच्च स्थान, अगले 5 साल में 300 MMT उत्पादन का लक्ष्य

भारत दुनिया में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश बन गया है, जहां फिलहाल 239 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) दूध उत्पादन हो रहा है। भारतीय पशुपालन मंत्रालय ने अब इस उत्पादन को और बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत सरकार ने अगले पांच साल में 300 मिलियन मीट्रिक टन दूध उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। आइए, जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से।

भारत में दूध उत्पादन में बढ़ोतरी का ऐतिहासिक कदम, अगले 5 साल में 300 मिलियन मीट्रिक टन का लक्ष्य

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारत दूध उत्पादन के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा देश बन चुका है। वर्तमान में, भारत 239 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) दूध का उत्पादन करता है, और अब सरकार ने इसे और बढ़ाने का फैसला किया है। भारतीय पशुपालन मंत्रालय ने अगले पांच साल में दूध उत्पादन को 300 मिलियन मीट्रिक टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इस कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और देश के पशुपालन किसानों को भी लाभ होगा।

लोकसभा में राजीव रंजन सिंह ने दी जानकारी

मंगलवार को भारतीय पशुपालन मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा में दूध उत्पादन के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के तहत राष्ट्रीय गोकुल मिशन लॉन्च होने के बाद से भारतीय दूध उत्पादन में 63.5% की बढ़ोतरी हुई है। इस मिशन का उद्देश्य देसी नस्लों का विकास, बेहतर दूध उत्पादन, और पशुपालन को बढ़ावा देना है। राजीव रंजन सिंह ने उम्मीद जताई कि आने वाले तीन सालों में दूध उत्पादन में 15% और बढ़ोतरी हो सकती है।

दूध उत्पादन से जुड़े आंकड़े और लक्ष्य

राजीव रंजन सिंह ने यह भी कहा कि भारत दूध उत्पादन में पूरी दुनिया में सबसे आगे है, और सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच साल में दूध उत्पादन को 239 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़ाकर 300 मिलियन मीट्रिक टन किया जाएगा। इसके साथ ही मंत्रालय ने यह भी बताया कि वर्तमान में लगभग 10 करोड़ लोग दूध उत्पादन से जुड़े हुए हैं, जिनमें से 75% महिलाएं हैं। भारतीय पशुपालन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, एक भारतीय नागरिक औसतन 471 ग्राम दूध प्रतिदिन consume करता है।

किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

दूध उत्पादन में वृद्धि से किसानों को भी भारी फायदा होगा। इस कदम से खासतौर पर महिलाओं को सशक्तिकरण मिलेगा क्योंकि 75% दूध उत्पादन से जुड़े किसान महिलाएं हैं। साथ ही, दूध उत्पादन में वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन का महत्व

राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत 2014 में की गई थी, और इसे भारतीय पशुपालन मंत्रालय द्वारा संचालित किया गया है। इस मिशन का उद्देश्य देशी नस्लों की गायों का संरक्षण और उनका विकास करना है। 2021-22 और 2025-26 में इस योजना को फिर से रिवाइज किया गया है। इस योजना के तहत, किसानों को बेहतर नस्लों का विकास करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि दूध उत्पादन को और बढ़ाया जा सके।

अगला कदम: “देसी नस्लों का संरक्षण और दूध उत्पादन में वृद्धि”

भारत की दूध उत्पादन नीति का यह कदम न केवल किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। आगामी पांच वर्षों में सरकार द्वारा निर्धारित 300 मिलियन मीट्रिक टन दूध उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, किसानों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता देने की योजना भी बनाई जाएगी ताकि वे अधिक से अधिक दूध उत्पादन कर सकें और राष्ट्रीय विकास में योगदान दे सकें।

समाप्ति:

भारत का यह कदम न केवल पशुपालन उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण रोजगार के लिए भी मील का पत्थर साबित हो सकता है। उम्मीद की जाती है कि सरकार द्वारा तय किए गए लक्ष्यों को पूरा करने से भारतीय दूध उत्पादन का क्षेत्र और भी मजबूत होगा, जो भविष्य में दुनिया भर में भारत की प्रतिष्ठा को और बढ़ाएगा।

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