Headline
सतीश शाह को अंतिम विदाई: राजेश कुमार ने दिया कंधा, रुपाली गांगुली नम आंखों से फूट-फूटकर रोईं
आचार्य प्रमोद कृष्णम का तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला: कहा, “अगर CM बने तो बिहार में लागू करेंगे शरिया कानून”
IRCTC घोटाला: लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर आज से कोर्ट में ट्रायल शुरू, भ्रष्टाचार के मामलों में चलेगा मुकदमा
‘21वीं सदी भारत और आसियान की सदी’ — आसियान शिखर सम्मेलन में बोले PM मोदी, साझा विकास पर दिया जोर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मेरठ में बुलडोजर एक्शन, सेंट्रल मार्केट का अवैध कॉम्प्लेक्स ध्वस्त
नागपुर के नंदनवन में 12 वर्षीय मासूम से दरिंदगी: एक आरोपी गिरफ्तार, दूसरा फरार
राक्षस पिता की हैवानियत: अंढेरा में दो जुड़वां बच्चियों की हत्या, सड़ी-गली लाशें बरामद
ओबीसी महासंघ अध्यक्ष बबनराव तायवाड़े ने डॉक्टर आत्महत्या मामले पर दुख व्यक्त किया, SIT गठित कर जांच की मांग की
BJP विधायक फुके का ‘कमीशन’ बम: भंडारा नगर परिषद में करोड़ों के घोटाले का दावा

Jharkhand News: बिहार बनाम झारखंड—केंद्र से मिले फंड पर हेमंत सरकार जारी करेगी रिपोर्ट

Jharkhand News: बिहार बनाम झारखंड—केंद्र से मिले फंड पर हेमंत सरकार जारी करेगी रिपोर्ट

Jharkhand News: झारखंड को केंद्र से मिलने वाले अनुदान में कथित भेदभाव को लेकर हेमंत सोरेन सरकार अब आंकड़ों के साथ जवाब देने की तैयारी में है। राज्य के प्रभारी वित्त मंत्री सुदिव्य कुमार ने जानकारी दी है कि जल्द ही एक रिपोर्ट जारी की जाएगी, जिसमें यह दर्शाया जाएगा कि पड़ोसी राज्यों को कितनी राशि मिली और झारखंड को उसके मुकाबले कितनी कम धनराशि प्रदान की गई।

इसके अलावा, केंद्र सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों के पास झारखंड का कितना बकाया है, इसकी जानकारी भी इसी रिपोर्ट में शामिल की जाएगी। सरकार इस रिपोर्ट को आगामी बजट सत्र में विधानसभा के पटल पर रखने की योजना बना रही है, जिससे तथ्यों के आधार पर राज्य के हितों की पैरवी की जा सके।

रांची: झारखंड को केंद्र सरकार से मिलने वाले अनुदान और केंद्रीय करों में हिस्सेदारी को लेकर राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाने का संकेत दिया है। विधानसभा में शनिवार को हुए प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान प्रभारी वित्त मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि राज्य सरकार इस विषय पर गहन अध्ययन कर एक रिपोर्ट जारी करेगी, जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि झारखंड को किस प्रकार से केंद्र द्वारा अपेक्षित राशि से वंचित किया गया है।

यह बयान विधायक प्रदीप यादव के सवाल पर आया, जिन्होंने झारखंड और बिहार को केंद्र से मिली राशि की तुलना का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार को झारखंड की तुलना में कहीं अधिक फंड मिलता है, जो राज्य के साथ भेदभाव को दर्शाता है।

प्रभारी मंत्री ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि झारखंड को केंद्रीय करों और अनुदान में न्यायोचित हिस्सा नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि फंड की कमी के कारण कई योजनाएं प्रभावित हुईं और राज्य सरकार को कई बार न्यायालय की शरण भी लेनी पड़ी। इसके बावजूद, उन्होंने यह भी जोड़ा कि केंद्र की अड़चनों के बावजूद झारखंड का विकास थमा नहीं है।

मंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार उचित हिस्सेदारी और अनुदान देती, तो झारखंड आज अग्रणी राज्यों की सूची में होता। इस दौरान प्रदीप यादव ने सुझाव दिया कि वर्ष 2014 से अब तक राज्य को हुए नुकसान का मानक आकलन (Assessment) भी करवाया जाए, जिससे वास्तविक स्थिति सामने लाई जा सके।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top