Nagpur Violence: शांत शहर में कैसे भड़की हिंसा? कांग्रेस ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार, पुलिस पर लापरवाही का आरोप
नागपुर हिंसा पर कांग्रेस का हमला, सरकार और पुलिस को ठहराया जिम्मेदार, जांच के लिए बनाई समिति
नागपुर। शांतिपूर्ण माने जाने वाले नागपुर शहर में 17 मार्च को औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा ने पूरे राज्य को चौंका दिया। अब इस घटना को लेकर कांग्रेस ने राज्य और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि सरकार की लापरवाही और पुलिस की सुस्ती के कारण ही हालात बिगड़े।
कांग्रेस ने घटना की जांच और असली कारणों का पता लगाने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है, जो हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थानीय लोगों से बातचीत करेगी। इस समिति में वरिष्ठ नेता माणिकराव ठाकरे भी शामिल हैं। ठाकरे ने कहा, “नागपुर पहले कभी ऐसे हालातों का गवाह नहीं बना। कुछ तत्वों ने माहौल को जानबूझकर बिगाड़ा और सरकार ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की।”
हिंसा की शुरुआत विहिप और बजरंग दल द्वारा औरंगजेब की कब्र के विरोध में हुए प्रदर्शन के बाद हुई थी, जिसके बाद महल इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस पर पत्थरबाजी हुई और अफवाह फैल गई कि एक समुदाय की धार्मिक चादर को जला दिया गया।
घटना के मुख्य आरोपी फहीम खान की पुलिस हिरासत के दौरान दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद कोर्ट ने उसकी मेडिकल जांच के आदेश दिए हैं। वर्तमान में उसे मजिस्ट्रेट हिरासत में रखा गया है, जबकि पुलिस रिमांड की मांग पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।
नागपुर पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने जानकारी दी कि अब तक 99 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और निष्पक्ष जांच जारी है। फिलहाल कर्फ्यू हटा लिया गया है और स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।