“हजारों मील दूर लेकिन दिल से जुड़े…” PM मोदी ने सुनीता विलियम्स को लिखी चिट्ठी, भारत आने का दिया न्योता
PM मोदी ने सुनीता विलियम्स को लिखी चिट्ठी, भारत आने का दिया न्योता
नई दिल्ली | एएनआई – भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स जल्द ही धरती पर वापसी के लिए तैयार हैं। वह अपने साथी बुच विलमोर के साथ अंतरिक्ष यान में सवार हो चुकी हैं और जल्द ही लौटने वाली हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को एक विशेष चिट्ठी लिखी है।
PM मोदी ने अपने पत्र में सुनीता के साहस और वैज्ञानिक योगदान की सराहना की और उन्हें भारत आने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि “भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन भारत से आपका जुड़ाव अटूट है।”
सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में अपने कई ऐतिहासिक अभियानों के लिए जानी जाती हैं और भारतीय मूल के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं। उनकी सुरक्षित वापसी को लेकर नासा और उनके प्रशंसक उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।
PM मोदी ने सुनीता विलियम्स को लिखा पत्र, कहा- ‘हजारों मील दूर, लेकिन दिल के करीब’
नई दिल्ली | एएनआई – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को एक खास चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने कहा, “भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन आप हमारे दिलों के करीब हैं।”
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पीएम मोदी के इस पत्र को साझा करते हुए ट्वीट किया, “जब पूरी दुनिया सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रही है, पीएम मोदी ने भारत की इस बेटी के लिए अपनी चिंता अलग तरीके से व्यक्त की।”
सुनीता विलियम्स जल्द ही अपने साथी बुच विलमोर के साथ अंतरिक्ष से धरती पर लौटने वाली हैं।
PM मोदी ने सुनीता विलियम्स को लिखा पत्र, कहा- ‘आपकी उपलब्धियों पर भारत को गर्व’
नई दिल्ली | एएनआई – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को पत्र लिखकर उनकी तारीफ की और शुभकामनाएं दीं।
पीएम मोदी ने लिखा, “140 करोड़ भारतीय आपकी उपलब्धियों पर गर्व करते हैं। हाल की घटनाओं ने आपके धैर्य और दृढ़ता को फिर से साबित किया है।” उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका दौरे के दौरान राष्ट्रपति ट्रम्प और बाइडेन से मुलाकात में उन्होंने सुनीता की भलाई के बारे में पूछा था।
पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में उनकी मुलाकात प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो से हुई, जहां सुनीता का जिक्र हुआ और उन्हें गर्व महसूस हुआ। उन्होंने पत्र के जरिए भारत की ओर से शुभकामनाएं दीं।