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15 साल बाद किसानों को मिल सकता है प्लॉट, GDA बोर्ड बैठक की तारीख तय!

15 साल बाद किसानों को मिल सकता है प्लॉट, GDA बोर्ड बैठक की तारीख तय!

GDA बोर्ड बैठक 18 मार्च को प्रस्तावित, मधुबन बापूधाम से प्रभावित किसानों को मिल सकते हैं प्लॉट

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की आगामी बोर्ड बैठक मंगलवार, 18 मार्च को प्रस्तावित है। इस बैठक के लिए प्राधिकरण के अधिकारियों ने विभिन्न महत्वपूर्ण प्रस्तावों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।

बैठक में मधुबन बापूधाम योजना से प्रभावित किसानों को प्लॉट आवंटित करने का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है। यह मामला करीब 15 साल से लंबित है, और किसानों को लंबे समय से इसके समाधान की प्रतीक्षा थी। अब जीडीए की बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।

इसके अलावा, बैठक में अन्य महत्वपूर्ण विकास योजनाओं और नीतियों पर भी चर्चा होगी, जिन पर मंजूरी की मुहर लग सकती है। जीडीए की इस बैठक को शहर के विकास कार्यों और प्रभावित लोगों के लिए अहम माना जा रहा है।

मधुबन बापूधाम योजना से प्रभावित किसानों में जगी उम्मीद, 15 साल बाद प्लॉट मिलने का रास्ता साफ

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की आगामी बोर्ड बैठक में किसानों के एक पुराने मुद्दे पर अहम फैसला लिया जा सकता है। जीडीए अधिकारियों द्वारा तैयार किए जा रहे प्रस्तावों में मधुबन बापूधाम योजना से प्रभावित किसानों को प्लॉट आवंटित करने का प्रस्ताव भी शामिल है।

करीब 15 साल से लंबित इस मामले को लेकर किसानों को लंबे समय से समाधान की उम्मीद थी। अब जीडीए अधिकारी इस प्रस्ताव को गंभीरता से बोर्ड बैठक में रखने की तैयारी में हैं। यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो प्रभावित किसानों को प्लॉट मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।

इस बैठक में अन्य महत्वपूर्ण विकास कार्यों पर भी चर्चा होगी, जिससे शहर के बुनियादी ढांचे और योजनाओं को गति मिल सकती है।

मधुबन बापूधाम योजना: 1,234 एकड़ भूमि में से 800 एकड़ का हुआ अधिग्रहण, सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने वर्ष 2004 में छह गांवों की करीब 1,234 एकड़ भूमि पर मधुबन बापूधाम योजना लॉन्च की थी। इस योजना के तहत 800 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया, जबकि बाद में जीडीए को 153 एकड़ अतिरिक्त भूमि मिली, जिसे विकसित किया गया।

हालांकि, 281 एकड़ भूमि के किसानों ने इस अधिग्रहण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। वर्ष 2016 में, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत जीडीए ने नए भू-अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया और जमीन का अधिग्रहण पूरा किया।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, पहले से अधिग्रहित 800 एकड़ भूमि के किसानों ने भी नए भू-अधिग्रहण कानून के तहत बढ़े हुए मुआवजे की मांग शुरू कर दी। इस विवाद के चलते किसानों को उनके प्लॉट मिलने में देरी हुई। अब जीडीए की आगामी बोर्ड बैठक में इस मुद्दे को हल करने के संकेत मिल रहे हैं, जिससे प्रभावित किसानों में उम्मीद जगी है।

मधुबन बापूधाम योजना: 112 किसानों को मिल चुके प्लॉट, 600 को अभी इंतजार

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की मधुबन बापूधाम योजना के तहत अब तक 112 किसानों को प्लॉट आवंटित किए जा चुके हैं, जबकि 600 से अधिक किसानों को अभी प्लॉट मिलना बाकी है। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने जानकारी दी कि 18 मार्च को प्रस्तावित बोर्ड बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।

योजना में दो तरह के किसान

मधुबन बापूधाम योजना में दो श्रेणियों के किसान शामिल हैं:

  1. 800 एकड़ भूमि वाले किसान: इन किसानों की जमीन पहले ही अधिग्रहित हो चुकी है। इन्हें विकसित भूमि का 6% हिस्सा दिया जाएगा।
  2. 281 एकड़ भूमि वाले किसान: इन किसानों को नए भू-अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा दिया गया था। इन्हें विकसित भूमि का 10% हिस्सा दिया जाएगा।

इसके लिए जीडीए ने 10% जमीन वाले किसानों को नोटिस भेजकर उनकी सहमति ली है। जीडीए की आगामी बैठक में इस मुद्दे पर अंतिम फैसला होने की उम्मीद है, जिससे किसानों को जल्द ही उनके प्लॉट मिल सकते हैं।

 

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